गिलियन बैरी सिंड्रोम: कारण, लक्षण और उपचार

गिलियन बैरी सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome): एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी

गिलियन बैरी सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से नर्वस सिस्टम पर हमला करती है। यह बीमारी अचानक कमजोरी, सुन्नपन और यहां तक कि लकवे (paralysis) का कारण बन सकती है।



गिलियन बैरी सिंड्रोम के मुख्य लक्षण

1. शुरुआती लक्षण:

हाथों और पैरों में झनझनाहट और सुन्नपन।

पैरों से शुरू होने वाली कमजोरी, जो ऊपर की ओर बढ़ती है।


2. गंभीर लक्षण:

मांसपेशियों में कमजोरी और लकवे तक पहुंचने वाली स्थिति।

चलने-फिरने में कठिनाई।

सांस लेने में दिक्कत।

हृदय गति और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव।



गिलियन बैरी सिंड्रोम के कारण

इसका मुख्य कारण इम्यून सिस्टम का असंतुलन है। यह अक्सर किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद होता है, जैसे:

फ्लू या सामान्य सर्दी।

कैंपिलोबैक्टर जेजुनी (Campylobacter jejuni) बैक्टीरिया।

कोविड-19 संक्रमण।

कभी-कभी यह वैक्सीन के बाद भी हो सकता है।


गिलियन बैरी सिंड्रोम का उपचार


1. प्लाज्मा थेरेपी (Plasmapheresis):

इस प्रक्रिया में खून से हानिकारक एंटीबॉडी को निकाल दिया जाता है।

2. इंट्रावीनस इम्यूनोग्लोबुलिन (IVIG):

इसमें इम्यून सिस्टम को बैलेंस करने के लिए अतिरिक्त एंटीबॉडी दी जाती हैं।

3. फिजियोथेरेपी:

बीमारी से ठीक होने के बाद मांसपेशियों की ताकत और मूवमेंट को सुधारने के लिए फिजियोथेरेपी जरूरी है।


गिलियन बैरी सिंड्रोम से बचाव

संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें।

समय पर फ्लू और अन्य जरूरी वैक्सीन लगवाएं।


निष्कर्ष

गिलियन बैरी सिंड्रोम एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य बीमारी है। यदि इसका सही समय पर इलाज किया जाए, तो अधिकतर लोग पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं। अगर आपको इसके लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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